Friday, April 12, 2019

कुमाऊँ और गढ़वाल के नामों की उत्पत्ति का इतिहास

कुमाऊँ और गढ़वाल के नामों की उत्पत्ति का इतिहास

कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति

कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति में यह ये प्रचलित है  कि विष्णु भगवान का कूर्मावतार(कछुए के रूप में) चंपावत में स्थित चम्पावती नदी के पूर्व कूर्म पर्वत(कानदेव) मे तीन वर्षों तक खडे रहकर तपस्या की थी,जिसके बाद इसका नाम कुर्मांचल पड़ा,जो धीरे -धीरे कुमाऊँ के नाम से जाना गया!
लगातार तीन वर्षों तक एक ही स्थान पर खड़े रहने के कारण कूर्म भगवान के चरणों के चिन्ह पत्थर में अंकित हो गये जो अभी तक विद्यमान हैं। तब से इस पर्वत का नाम कूर्माचल हो गया- कूर्म+अचल (कूर्म जहाँ पर अचल हो गये थे)।

कूर्माचल का प्राकृत रूप बिगड़ते-बिगड़ते कुमू बन गया तथा यही शब्द बाद में कुमाऊँ में परिवर्तित हो गया। सर्वप्रथम यह नाम केवल चम्पावत तथा उसके समीपवर्ती गांवों को दिया गया किन्तु जब यहाँ चन्दों के राज्य की स्थापना हुई एवं उसका विस्तार हुआ तो कूर्माचल उस समग्र प्रदेश का नाम हो गया जो इस समय अल्मोड़ा, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में शामिल है। तत्कालीन मुस्लिम लोग चन्दों के राज्य को कुमायूं कहते थे और आइने-अकबरी मे भी कुमाऊँ नाम का उल्लेख हैं!
यही शब्द आजकल कुमाऊँ के रूप में प्रचलित है।



यद्यपि पुराणों में वर्णित कूर्म अवतार के कारण इस अंचल का नाम कुमाऊँ पड़ा या कूर्मांचल कहा गया किन्तु शिलालेखों , ताम्रपत्रों तथा प्राचीन ग्रन्थों से ज्ञात होता है कि कूर्माचल या कुमाऊँ दोनों शब्द बहुत बाद के हैं। सम्राट समुद्रगुप्त के प्रयाग-स्थित प्रशस्ति लेख में इस प्रान्त को (कार्तिकेयपुर) कहा गया है। तालेश्वर में उपलब्ध पाँचवीं तथा छठी शताब्दी के ताम्रपत्रों में ‘कार्तिकेयपुर’ तथा ‘ब्रह्मपुर’ दोनों नामों का उल्लेख हुआ है। प्रसिद्ध पाण्डुकेश्वर वाले ताम्रपत्रों में केवल ‘कार्तिकेयपुर’ शब्द आया है। किन्तु चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इसे ‘ब्रह्मपुर’ शब्द से सम्बोधित किया है।

डॉ. ए. बी. एल. अवस्थी ने अपनी पुस्तक “स्टडीज इन स्कन्द पुराण भाग-1” में लिखा है कि गढ़वाल एवं कुमाऊँ को ही सम्मिलित रूप से ‘ब्रह्मपुर’ पुकारा जाता था।


गढ़वाल शब्द की उत्पत्ति

गढवाल को कभी 52 गढ़ों का देश कहा जाता था। दरअसल में तब गढ़वाल में 52 राजाओं का शासन था। उनके अलग अलग राज्य थे और वे  सभी स्वतंत्र थे । ये गढ़ एक प्रकार के छोटे किले हुआ करते थे।  ह्वेनसांग छठी शताब्दी में भारत में आया था उसने लिखा है कि इन राजाओं के बीच आपस में लड़ाई  चलती रहती थी।  इनके बीच आपसी लड़ाई का पवांर वंश के राजाओं ने लाभ उठाया और चौदहवीं शताब्दी में परमार वंश के प्रतापी राजा अजयपाल ने 52 छोटे-छोटे गढ़ों में विभक्त इस क्षेत्र को जीतकर इन पर अपना अधिकार कर लिया और स्वयं उस राज्य का एकछत्र स्वामी अर्थात ‘गढ़वाला’ बना, और उसका राज्य कहलाया गढ़वाल।

गढ़वाल के 52 गढ़
1. नागपुर गढ़

 स्थान – नागपुर
सम्बंधित जाती –  नाग जाती
2.  कोल्लिगढ़

 स्थान –  बछणस्यूं
सम्बंधित जाती –बछवाड़ बिष्ट
3. रावडगढ़

 स्थान – बद्रीनाथ के निकट
सम्बंधित जाती –  रवाडी
4.  फल्याण गढ़

 स्थान – फल्दाकोट
सम्बंधित जाती – फल्याण जाती के ब्राह्मण
5.  बांगर गढ़
 स्थान – बांगर
सम्बंधित जाती – राणा

6.  कुइली गढ़
 स्थान –  कुइली
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

7.  भरपूर गढ़
 स्थान – भरपूर
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

8.  कुजणी गढ़
 स्थान – कुजणी
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

9.  सिल गढ़
 स्थान – सिल गढ़
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

10.  मुंगरा गढ़
 स्थान – रंवाई
सम्बंधित जाती – रावत जाती

11.  रैका गढ़
 स्थान – रैका
सम्बंधित जाती – रमोला जाती

12.  मौल्या गढ़
 स्थान – रमोली
सम्बंधित जाती – रमोला जाती

13.  उप्पू गढ़
 स्थान – उदयपुर
सम्बंधित जाती – चौहान

14.  नाला गढ़
 स्थान –  देहरादून

15.  सांकरी गढ़
 स्थान – रंवाई
सम्बंधित जाती – राणा

16.  रामी गढ़
 स्थान – शिमला
सम्बंधित जाती – राणा

17.  बिराल्टा गढ़
 स्थान – जौनपुर
सम्बंधित जाती – रावत

18.  चांदपुर गढ़
 स्थान –  चांदपुर
सम्बंधित जाती – सूर्यवंशी रजा भानु प्रताप का

19.  चौंडा गढ़
 स्थान – चांदपुर
सम्बंधित जाती – चौन्दाल

20.  तोप गढ़
 स्थान – चांदपुर
सम्बंधित जाती – तोपाल जाती

21.  राणी गढ़
 स्थान – राणी गढ़ पट्टी
सम्बंधित जाती – तोपाल

22.  श्रीगुरु गढ़
 स्थान – सलाण
सम्बंधित जाती – परिहार

23.  बधाण गढ़
 स्थान – बधाण
सम्बंधित जाती – बधाणी जाती

24.  लोहबाग गढ़
 स्थान – लोहबा
सम्बंधित जाती – नेगी

25.  दशोली गढ़
 स्थान – दशोली

26.  कुंडारा गढ़
 स्थान – नागपुर
सम्बंधित जाती – कुंडारी

27.  धौना गढ़
सम्बंधित जाती – धौन्याल

28.  रतन गढ़
 स्थान – कुजणी
सम्बंधित जाती –धमादा जाती

29.  एरासू गढ़
 स्थान – श्रीनगर के पास

30.  इडिया गढ़
 स्थान – रंवाई बडकोट
सम्बंधित जाती –इडिया जाती

31.  लंगूर गढ़
 स्थान – लंगूर पट्टी

32.  बाग गढ़
 स्थान – गंगा सलाणा
सम्बंधित जाती – बागूड़ी जाती

33.  गढ़कोट गढ़
 स्थान – मल्ला ढांगू
सम्बंधित जाती –बगडवाल

34.  गड़ताग गढ़
 स्थान – टकनौर
सम्बंधित जाती – भोटिया जाती

35.  बनगढ़ गढ़
 स्थान – बनगढ़

36.  भरदार गढ़
 स्थान – भरदार

37.  चौन्दकोट गढ़
 स्थान – चौन्दकोट
सम्बंधित जाती – चौन्दकोट जाती

38.  नयाल गढ़
 स्थान – कटूलस्यूं
सम्बंधित जाती – नयाल

39.  अजमीर गढ़
 स्थान – अजमेर पट्टी
सम्बंधित जाती – पयाल जाती

40.  कांडा गढ़
सम्बंधित जाती – रावत

41.  सावली गढ़
 स्थान – सावली खाटली

42.  बदलपुर गढ़
 स्थान – बदलपुर

43.  संगेला गढ़
सम्बंधित जाती – संगेला जाती

44.  गुजडू गढ़
 स्थान – गुजडू

45. जौट गढ़
 स्थान – जौनपुर

46.  देवल गढ़
 स्थान – देवलगढ़

47.  लोद गढ़
 स्थान – देवलगढ़

48.  जौंलपुर गढ़
 स्थान – देवलगढ़

49.  चंपा गढ़
 स्थान – देवलगढ़

50.  डोडराक्वांरा गढ़
 स्थान – देवलगढ़

51.  भवना गढ़
 स्थान – देवलगढ़

52.  लोदन गढ़
 स्थान – देवलगढ़

2 comments:

  1. भाइ जि आपने गढ कत्युरो के बारेमै नहि लिखा जहाँ मल्ल लोग रहते थे।कृपया जानकारी दे

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