उत्तराखंड के प्रमुख बाँध / जल विधुत परियोजनाएं
उत्तराखंड में खनिज, कोयला, पेट्रोलियम आदि की कमी होते हुए भी जल का अपार भंडार है, जिस कारण जल विद्युत की व्यापक संभावनाएं हैं।
उत्तराखंड के प्रमुख बाँध / जल विधुत परियोजनाएं
1-ग्लोगी जल विधुत परियोजना
ग्लोगी जल विधुत परियोजना मसूरी के भट्टा फॉल पर स्थित है
इसकी क्षमता 1000 मेगावाट की है
ग्लोगी जल विधुत परियोजना उत्तराखंड को पहली जल विधुत परियोजना है इसमें 1906 से विधुत उत्पादन हो रहा है
देश की सबसे पुरानी परियोजना
इस परियोजना की शुरुआत सन् 1906 में हुई थी. यह देश की सबसे पुरानी परियोजना है और आश्चर्य की बात यह है कि इस परियोजना से आज भी देहरादून और मसूरी जगमगा रहा है. ब्रिटिश काल में देश में अंग्रेजों ने चार विद्युत गृहों की परिकल्पना की थी जिसमें मैसूर, दार्जिलिंग, चम्बा के साथ ग्लोगी परियोजना शामिल थी.कर्नल बेल की देखरेख में हुआ था इसका निर्माण
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के अधिशासीय अभियंता जे. के. उपाध्याय ने बताया कि इस परियोजना का निर्माण सन् 1890 में हुआ था. सन् 1906-07 में इस परियोजना से बिजली उत्पादन की शुरुआत हुई थी.
टिहरी परियोजना
टिहरी जल विधुत परियोजना भागीरथी तथा भिलंगना नदियों के संगम पर टिहरी में स्थित है
वर्तमान में टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊंचा बाँध है जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है , इसकी विशालता के कारण इसे राष्ट्र का गाँव कहा गया है
टिहरी बाँध की कुल विधुत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है
टिहरी बाँध की कुल जल धारण क्षमता 354 करोड़ घन मीटर है तथा इसका जलाशय 42 वर्ग किमी में फैला है जिसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से जाना जाता है
टिहरी परियोजना को 1972 में योजना आयोग ने स्वीकृति प्रदान की और 1978 में उ प्र सिंचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण शुरू किया गया , कार्य धीमा होने के कारण 1988 में इसके निर्माण की जिम्मेदारी (THDC) टिहरी जल बाँध निगम का गठन कर उसको दे दी गयी
टिहरी बाँध का डिजाईन प्रो. जेम्स ब्रून ने तैयार किया|
कुल 2,400 मेगावाट के विद्युत उत्पादन क्षमता वाली इस परियोजना में दो चरण है।
प्रथम चरण में 1000 मेगावाट की टिहरी बांध एवं जल विद्युत परियोजना (Tehri Dam and Hydro Power Project) है। इस परियोजना का प्रथम चरण 30 जुलाई (July) 2006 को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया।
जबकि द्वितीय में 1000 मेगावाट की टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (Tehri Pumped Storage Plant) तथा
400 मेगावाट की कोटेश्वर बांध एवं जल विद्युत परियोजना (Koteshwar Dam and Hydro Power Project) है।
टिहरी के लोगो ने विस्थापन के चलते टिहरी बाँध का विरोध भी किया।
विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना
विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना चमोली जिले में अलकनंदा नदी पर स्थित है
इसकी कुल क्षमता 650 मेगावाट है
धौलीगंगा परियोजना
धौलीगंगा परियोजना पिथोरागढ़ जनपद के धारचूला में धौलीगंगा नदी पर स्थित है
इसकी कुल क्षमता 280 मेगावाट की है जिसे 2005 में शुरू किया गया
इस परियोजना में कट ऑफ वाल तकनीक का प्रयोग किया गया है
पंचेश्वर बाँध परियोजना (निर्माणाधीन)
पंचेश्वर बांध परियोजना उत्तराखंड के चम्पावत जिले में बनाने वाली एक जल विधुत परियोजना है पंचेश्वर में महाकाली नदी के साथ चार अन्य नदियों गोरीगंगा, धौली, सरयू और रामगंगा का संगम होता है. इस योजना के लिये भारत और नेपाल सरकार के बीच 1996 में संधि हुई थी।
पंचेश्वर बांध इसे बांधने की विशाल परियोजना है. कुल 6840 मेगावॉट की यह परियोजना दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कही जा रही है. यह अगले साल सितंबर में शुरू होकर 2026 में पूरी होनी है. इसके लिये दोनों देशों की कुल 14000 हेक्टेयर ज़मीन पानी में समा जायेगी. उत्तराखंड के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत ज़िलों के कई हिस्से इसके लिए बनने वाले बांध के डूब क्षेत्र में हैं. सरकार की प्राथमिक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में करीब 134 गांवों (पिथौरागढ़ – 87, चम्पावत – 26 और अल्मोड़ा – 21 गाँव ) के 54,000 लोगों के विस्थापित होने की बात कही गई है.
पंचेश्वर डैम टिहरी डैम से काफी ऊचा होगा पंचेश्वर बांध की ऊचाई 315 मीटर होगी | यहाँ भारत का सबसे ऊचा बांध होगा वर्त्तमान में टिहरी बांध भारत का सबसे ऊचा बांध है जिसकी उचाई 260.5 मीटर है |
इनके अलावा उत्तराखंड की कुछ अन्य जल विधुत परियोजनाएं , उनसे सम्बंधित नदी , क्षमता तथा स्थिति निम्नलिखित है
अलकनंदा नदी घाटी
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
श्रीनगर जल विधुत परियोजना अलकनंदा पौड़ी 330
विष्णु गाड़ परियोजना अलकनंदा चमोली 400
राजवाक्ती परियोजना अलकनंदा नंदप्रयाग (चमोली) 4.4
बिरही गंगा परियोजना अलकनंदा चमोली 7.2
देवल (चमोली हाइड्रो पॉवर लि.) कालीगंगा चमोली 5
ऋषिगंगा परियोजना ऋषिगंगा चमोली 13.5
बनाला (हीमा ऊर्जा प्रा.लि.) नंदाकिनी नदी चमोली 15
उत्यासू बाँध परियोजना अलकनंदा पौड़ी 1000 (निर्माणाधीन)
भागीरथी नदी घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
लोहारीनाग-पाला परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 600 (निर्माणाधीन)
मनेरी भाली-1 परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 90
मनेरी भाली-2 परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 304
पाला मनेरी परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 480(निर्माणाधीन)
कोटलीभेल परियोजना गंगा नदी टिहरी 100 (निर्माणाधीन)
टिहरी स्टे.-1 परियोजना भगीरथी टिहरी 1000
कोटेश्वर बाँध परियोजना भगीरथी टिहरी 400
भिलंगना परियोजना भिलंगना टिहरी 22.5
भिलंगना 2 परियोजना भिलंगना टिहरी 24
चिल्ला परियोजना भागीरथी और अलकनंदा पौड़ी 144
धरासु परियोजन भागीरथी उत्तरकाशी
तिलोथ परियोजना भागीरथी उत्तरकाशी
पथरी परियोजना गंगा नहर हरिद्वार 20.4
मोहम्मदपुर गंगा नहर हरिद्वार 9.3
रामगंगा घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
रामगंगा (कालागढ़) रामगंगा पौड़ी गढ़वाल 198
लोहारखेत रामगंगा बागेश्वर 4.8
शारदा नदी घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
धौलीगंगा धौलीगंगा धारचूला (पिथौरागढ) 280
टनकपुर शारदा नदी टनकपुर (चंपावत) 94.5
खटीमा शारदा नदी खटीमा (उधमसिंह नगर) 41.4
लोहियाहेड शारदा (उधमसिंह नगर) 27.6
छिरकिल्ला धौलीगंगा धारचूला (पिथौरागढ) 1.5
कुलागाड़ काली नदी धारचूला (पिथौरागढ) 1.2
कुंच्योती काली नदी धारचूला (पिथौरागढ) 2
यमुना नदी घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
लखवाड़ यमुना नदी
चिब्रो टॉस नदी साम्बरखेरा (देहरादून) 240
ढकरानी टॉस नदी देहरादून 33.75
ढालीपुर टॉस नदी देहरादून 51
कुल्हाल टॉस नदी देहरादून 30
खोदरी यमुना नदी देहरादून 120
ग्लोगी भट्टा फाल मंसूरी (देहरादून) 3
किशो बाघ परियोजना टॉस नदी देहरादून 600 (निर्माणाधीन)
(इचारी डैम टोंस नदी से पानी खोदरी ,चिब्रो plants को जाता है)
कोठार बांध परियोजना कोसी नदी अल्मोड़ा
उत्तराखंड के प्रमुख बाँध / जल विधुत परियोजनाएं
1-ग्लोगी जल विधुत परियोजना
ग्लोगी जल विधुत परियोजना मसूरी के भट्टा फॉल पर स्थित है
इसकी क्षमता 1000 मेगावाट की है
ग्लोगी जल विधुत परियोजना उत्तराखंड को पहली जल विधुत परियोजना है इसमें 1906 से विधुत उत्पादन हो रहा है
देश की सबसे पुरानी परियोजना
इस परियोजना की शुरुआत सन् 1906 में हुई थी. यह देश की सबसे पुरानी परियोजना है और आश्चर्य की बात यह है कि इस परियोजना से आज भी देहरादून और मसूरी जगमगा रहा है. ब्रिटिश काल में देश में अंग्रेजों ने चार विद्युत गृहों की परिकल्पना की थी जिसमें मैसूर, दार्जिलिंग, चम्बा के साथ ग्लोगी परियोजना शामिल थी.कर्नल बेल की देखरेख में हुआ था इसका निर्माण
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के अधिशासीय अभियंता जे. के. उपाध्याय ने बताया कि इस परियोजना का निर्माण सन् 1890 में हुआ था. सन् 1906-07 में इस परियोजना से बिजली उत्पादन की शुरुआत हुई थी.
टिहरी परियोजना
टिहरी जल विधुत परियोजना भागीरथी तथा भिलंगना नदियों के संगम पर टिहरी में स्थित है
वर्तमान में टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊंचा बाँध है जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है , इसकी विशालता के कारण इसे राष्ट्र का गाँव कहा गया है
टिहरी बाँध की कुल विधुत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है
टिहरी बाँध की कुल जल धारण क्षमता 354 करोड़ घन मीटर है तथा इसका जलाशय 42 वर्ग किमी में फैला है जिसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से जाना जाता है
टिहरी परियोजना को 1972 में योजना आयोग ने स्वीकृति प्रदान की और 1978 में उ प्र सिंचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण शुरू किया गया , कार्य धीमा होने के कारण 1988 में इसके निर्माण की जिम्मेदारी (THDC) टिहरी जल बाँध निगम का गठन कर उसको दे दी गयी
टिहरी बाँध का डिजाईन प्रो. जेम्स ब्रून ने तैयार किया|
कुल 2,400 मेगावाट के विद्युत उत्पादन क्षमता वाली इस परियोजना में दो चरण है।
प्रथम चरण में 1000 मेगावाट की टिहरी बांध एवं जल विद्युत परियोजना (Tehri Dam and Hydro Power Project) है। इस परियोजना का प्रथम चरण 30 जुलाई (July) 2006 को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया।
जबकि द्वितीय में 1000 मेगावाट की टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (Tehri Pumped Storage Plant) तथा
400 मेगावाट की कोटेश्वर बांध एवं जल विद्युत परियोजना (Koteshwar Dam and Hydro Power Project) है।
टिहरी के लोगो ने विस्थापन के चलते टिहरी बाँध का विरोध भी किया।
विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना
विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना चमोली जिले में अलकनंदा नदी पर स्थित है
इसकी कुल क्षमता 650 मेगावाट है
धौलीगंगा परियोजना
धौलीगंगा परियोजना पिथोरागढ़ जनपद के धारचूला में धौलीगंगा नदी पर स्थित है
इसकी कुल क्षमता 280 मेगावाट की है जिसे 2005 में शुरू किया गया
इस परियोजना में कट ऑफ वाल तकनीक का प्रयोग किया गया है
पंचेश्वर बाँध परियोजना (निर्माणाधीन)
पंचेश्वर बांध परियोजना उत्तराखंड के चम्पावत जिले में बनाने वाली एक जल विधुत परियोजना है पंचेश्वर में महाकाली नदी के साथ चार अन्य नदियों गोरीगंगा, धौली, सरयू और रामगंगा का संगम होता है. इस योजना के लिये भारत और नेपाल सरकार के बीच 1996 में संधि हुई थी।
पंचेश्वर बांध इसे बांधने की विशाल परियोजना है. कुल 6840 मेगावॉट की यह परियोजना दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कही जा रही है. यह अगले साल सितंबर में शुरू होकर 2026 में पूरी होनी है. इसके लिये दोनों देशों की कुल 14000 हेक्टेयर ज़मीन पानी में समा जायेगी. उत्तराखंड के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत ज़िलों के कई हिस्से इसके लिए बनने वाले बांध के डूब क्षेत्र में हैं. सरकार की प्राथमिक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में करीब 134 गांवों (पिथौरागढ़ – 87, चम्पावत – 26 और अल्मोड़ा – 21 गाँव ) के 54,000 लोगों के विस्थापित होने की बात कही गई है.
पंचेश्वर डैम टिहरी डैम से काफी ऊचा होगा पंचेश्वर बांध की ऊचाई 315 मीटर होगी | यहाँ भारत का सबसे ऊचा बांध होगा वर्त्तमान में टिहरी बांध भारत का सबसे ऊचा बांध है जिसकी उचाई 260.5 मीटर है |
इनके अलावा उत्तराखंड की कुछ अन्य जल विधुत परियोजनाएं , उनसे सम्बंधित नदी , क्षमता तथा स्थिति निम्नलिखित है
अलकनंदा नदी घाटी
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
श्रीनगर जल विधुत परियोजना अलकनंदा पौड़ी 330
विष्णु गाड़ परियोजना अलकनंदा चमोली 400
राजवाक्ती परियोजना अलकनंदा नंदप्रयाग (चमोली) 4.4
बिरही गंगा परियोजना अलकनंदा चमोली 7.2
देवल (चमोली हाइड्रो पॉवर लि.) कालीगंगा चमोली 5
ऋषिगंगा परियोजना ऋषिगंगा चमोली 13.5
बनाला (हीमा ऊर्जा प्रा.लि.) नंदाकिनी नदी चमोली 15
उत्यासू बाँध परियोजना अलकनंदा पौड़ी 1000 (निर्माणाधीन)
भागीरथी नदी घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
लोहारीनाग-पाला परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 600 (निर्माणाधीन)
मनेरी भाली-1 परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 90
मनेरी भाली-2 परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 304
पाला मनेरी परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 480(निर्माणाधीन)
कोटलीभेल परियोजना गंगा नदी टिहरी 100 (निर्माणाधीन)
टिहरी स्टे.-1 परियोजना भगीरथी टिहरी 1000
कोटेश्वर बाँध परियोजना भगीरथी टिहरी 400
भिलंगना परियोजना भिलंगना टिहरी 22.5
भिलंगना 2 परियोजना भिलंगना टिहरी 24
चिल्ला परियोजना भागीरथी और अलकनंदा पौड़ी 144
धरासु परियोजन भागीरथी उत्तरकाशी
तिलोथ परियोजना भागीरथी उत्तरकाशी
पथरी परियोजना गंगा नहर हरिद्वार 20.4
मोहम्मदपुर गंगा नहर हरिद्वार 9.3
रामगंगा घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
रामगंगा (कालागढ़) रामगंगा पौड़ी गढ़वाल 198
लोहारखेत रामगंगा बागेश्वर 4.8
शारदा नदी घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
धौलीगंगा धौलीगंगा धारचूला (पिथौरागढ) 280
टनकपुर शारदा नदी टनकपुर (चंपावत) 94.5
खटीमा शारदा नदी खटीमा (उधमसिंह नगर) 41.4
लोहियाहेड शारदा (उधमसिंह नगर) 27.6
छिरकिल्ला धौलीगंगा धारचूला (पिथौरागढ) 1.5
कुलागाड़ काली नदी धारचूला (पिथौरागढ) 1.2
कुंच्योती काली नदी धारचूला (पिथौरागढ) 2
यमुना नदी घाटी की परियोजनाएं
परियोजनाएं नदी स्थान क्षमता (मेगावाट )
लखवाड़ यमुना नदी
चिब्रो टॉस नदी साम्बरखेरा (देहरादून) 240
ढकरानी टॉस नदी देहरादून 33.75
ढालीपुर टॉस नदी देहरादून 51
कुल्हाल टॉस नदी देहरादून 30
खोदरी यमुना नदी देहरादून 120
ग्लोगी भट्टा फाल मंसूरी (देहरादून) 3
किशो बाघ परियोजना टॉस नदी देहरादून 600 (निर्माणाधीन)
(इचारी डैम टोंस नदी से पानी खोदरी ,चिब्रो plants को जाता है)
कोठार बांध परियोजना कोसी नदी अल्मोड़ा
You have given very good information about Uttarakhand UPCL bill. See also our article. upcl bill ka bil bharen
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