Friday, April 12, 2019

उत्तराखंड के प्रमुख बाँध / जल विधुत परियोजनाएं

उत्तराखंड में खनिज, कोयला, पेट्रोलियम आदि की कमी होते हुए भी जल का अपार भंडार है, जिस कारण जल विद्युत की व्यापक संभावनाएं हैं।


उत्तराखंड के प्रमुख बाँध / जल विधुत परियोजनाएं

1-ग्लोगी जल विधुत परियोजना

ग्लोगी जल विधुत परियोजना मसूरी के भट्टा फॉल पर स्थित है
इसकी क्षमता 1000 मेगावाट की है
ग्लोगी जल विधुत परियोजना उत्तराखंड को पहली जल विधुत परियोजना है इसमें 1906 से विधुत उत्पादन हो रहा है
देश की सबसे पुरानी परियोजना
इस परियोजना की शुरुआत सन् 1906 में हुई थी. यह देश की सबसे पुरानी परियोजना है और आश्चर्य की बात यह है कि इस परियोजना से आज भी देहरादून और मसूरी जगमगा रहा है. ब्रिटिश काल में देश में अंग्रेजों ने चार विद्युत गृहों की परिकल्पना की थी जिसमें मैसूर, दार्जिलिंग, चम्बा के साथ ग्लोगी परियोजना शामिल थी.कर्नल बेल की देखरेख में हुआ था इसका निर्माण
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के अधिशासीय अभियंता जे. के. उपाध्याय ने बताया कि इस परियोजना का निर्माण सन् 1890 में हुआ था. सन् 1906-07 में इस परियोजना से बिजली उत्पादन की शुरुआत हुई थी.

टिहरी परियोजना

टिहरी जल विधुत परियोजना भागीरथी तथा भिलंगना नदियों के संगम पर टिहरी में स्थित है
वर्तमान में टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊंचा बाँध है जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है , इसकी विशालता के कारण इसे राष्ट्र का गाँव कहा गया है
टिहरी बाँध की कुल विधुत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है
टिहरी बाँध की कुल जल धारण क्षमता 354 करोड़ घन मीटर है तथा इसका जलाशय 42 वर्ग किमी में फैला है जिसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से जाना जाता है
टिहरी परियोजना को 1972 में योजना आयोग ने स्वीकृति प्रदान की और 1978 में उ प्र सिंचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण शुरू किया गया , कार्य धीमा होने के कारण 1988 में इसके निर्माण की जिम्मेदारी (THDC)  टिहरी जल बाँध निगम का गठन कर उसको दे दी गयी
टिहरी बाँध का डिजाईन प्रो. जेम्स ब्रून ने तैयार किया|
कुल 2,400 मेगावाट के विद्युत उत्पादन क्षमता वाली इस परियोजना में दो चरण है।
 प्रथम चरण में 1000 मेगावाट की टिहरी बांध एवं जल विद्युत परियोजना (Tehri Dam and Hydro Power Project) है। इस परियोजना का प्रथम चरण 30 जुलाई (July) 2006 को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया।
जबकि द्वितीय में 1000 मेगावाट की टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (Tehri Pumped Storage Plant) तथा
 400 मेगावाट की कोटेश्वर बांध एवं जल विद्युत परियोजना (Koteshwar Dam and Hydro Power Project) है।
टिहरी के लोगो ने विस्थापन के चलते टिहरी बाँध का विरोध भी किया।

विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना

विष्णु प्रयाग जल विधुत परियोजना चमोली जिले में अलकनंदा नदी पर स्थित है
इसकी कुल  क्षमता 650 मेगावाट है



धौलीगंगा परियोजना

धौलीगंगा परियोजना पिथोरागढ़ जनपद के धारचूला में धौलीगंगा नदी पर स्थित है
इसकी कुल क्षमता 280 मेगावाट की है जिसे 2005 में शुरू किया गया
इस  परियोजना में कट ऑफ वाल तकनीक का प्रयोग किया गया है


पंचेश्वर बाँध परियोजना (निर्माणाधीन)

पंचेश्वर बांध परियोजना  उत्तराखंड के चम्पावत जिले में बनाने वाली एक जल विधुत परियोजना है पंचेश्वर में महाकाली नदी के साथ चार अन्य नदियों गोरीगंगा, धौली, सरयू और रामगंगा का संगम होता है. इस योजना के लिये भारत और नेपाल सरकार के बीच 1996 में संधि हुई थी।
 पंचेश्वर बांध इसे बांधने की विशाल परियोजना है. कुल 6840 मेगावॉट की यह परियोजना दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कही जा रही है. यह अगले साल सितंबर में शुरू होकर 2026 में पूरी होनी है. इसके लिये दोनों देशों की कुल 14000 हेक्टेयर ज़मीन पानी में समा जायेगी. उत्तराखंड के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत ज़िलों के कई हिस्से इसके लिए बनने वाले बांध के डूब क्षेत्र में हैं. सरकार की प्राथमिक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में करीब 134 गांवों (पिथौरागढ़ – 87, चम्पावत – 26 और अल्मोड़ा – 21 गाँव ) के 54,000 लोगों के विस्थापित होने की बात कही गई है.

पंचेश्वर डैम टिहरी डैम से काफी ऊचा होगा पंचेश्वर बांध की ऊचाई 315 मीटर होगी | यहाँ भारत का सबसे ऊचा बांध होगा वर्त्तमान में टिहरी बांध भारत का सबसे ऊचा बांध है जिसकी उचाई 260.5 मीटर है |


इनके अलावा उत्तराखंड की कुछ अन्य जल विधुत परियोजनाएं , उनसे सम्बंधित नदी , क्षमता तथा स्थिति निम्नलिखित है


अलकनंदा नदी घाटी

परियोजनाएं नदी स्थान   क्षमता (मेगावाट )
श्रीनगर जल विधुत परियोजना अलकनंदा पौड़ी 330
विष्णु गाड़ परियोजना अलकनंदा चमोली 400
राजवाक्ती परियोजना अलकनंदा नंदप्रयाग (चमोली) 4.4
बिरही गंगा परियोजना अलकनंदा चमोली 7.2
देवल (चमोली हाइड्रो पॉवर लि.) कालीगंगा चमोली 5
ऋषिगंगा परियोजना ऋषिगंगा चमोली 13.5
बनाला (हीमा ऊर्जा प्रा.लि.) नंदाकिनी नदी चमोली 15
उत्यासू बाँध परियोजना अलकनंदा पौड़ी 1000 (निर्माणाधीन)



भागीरथी नदी घाटी की परियोजनाएं

परियोजनाएं नदी स्थान   क्षमता (मेगावाट )
लोहारीनाग-पाला परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 600 (निर्माणाधीन)
मनेरी भाली-1 परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 90
मनेरी भाली-2 परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 304
पाला मनेरी परियोजना भगीरथी उत्तरकाशी 480(निर्माणाधीन)
कोटलीभेल परियोजना गंगा नदी टिहरी 100 (निर्माणाधीन)
टिहरी स्टे.-1 परियोजना भगीरथी टिहरी 1000
कोटेश्वर बाँध परियोजना भगीरथी टिहरी 400
भिलंगना परियोजना भिलंगना टिहरी 22.5
भिलंगना 2 परियोजना भिलंगना टिहरी 24
चिल्ला परियोजना भागीरथी और अलकनंदा पौड़ी 144
धरासु परियोजन    भागीरथी    उत्तरकाशी
तिलोथ परियोजना  भागीरथी      उत्तरकाशी

पथरी परियोजना गंगा नहर हरिद्वार 20.4
मोहम्मदपुर गंगा नहर हरिद्वार 9.3


रामगंगा घाटी की परियोजनाएं

परियोजनाएं नदी स्थान   क्षमता (मेगावाट )
रामगंगा (कालागढ़) रामगंगा पौड़ी गढ़वाल 198
लोहारखेत रामगंगा बागेश्वर 4.8

शारदा नदी घाटी की परियोजनाएं

परियोजनाएं नदी स्थान   क्षमता (मेगावाट )
धौलीगंगा धौलीगंगा धारचूला (पिथौरागढ) 280
टनकपुर शारदा नदी टनकपुर (चंपावत) 94.5
खटीमा शारदा नदी खटीमा (उधमसिंह नगर) 41.4
लोहियाहेड शारदा  (उधमसिंह नगर) 27.6
छिरकिल्ला धौलीगंगा धारचूला (पिथौरागढ) 1.5
कुलागाड़ काली नदी धारचूला (पिथौरागढ) 1.2
कुंच्योती काली नदी धारचूला (पिथौरागढ) 2


यमुना नदी घाटी की परियोजनाएं

परियोजनाएं नदी स्थान   क्षमता (मेगावाट )
लखवाड़ यमुना नदी
चिब्रो टॉस नदी साम्बरखेरा (देहरादून) 240
ढकरानी टॉस नदी देहरादून 33.75
ढालीपुर टॉस नदी देहरादून 51
कुल्हाल टॉस नदी देहरादून 30
खोदरी यमुना नदी देहरादून 120
ग्लोगी भट्टा फाल मंसूरी (देहरादून) 3
किशो बाघ परियोजना टॉस नदी देहरादून 600 (निर्माणाधीन)
(इचारी डैम टोंस नदी से पानी खोदरी ,चिब्रो plants को जाता है)
कोठार बांध परियोजना कोसी नदी अल्मोड़ा

उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरो के निर्माणकर्ता और मंदिरों की शैली

उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरो के निर्माणकर्ता”:

बद्रीनाथ मंदिर- अजयपाल और कत्यूरी
केदारनाथ मंदिर- शंकराचार्य
यमुनोत्री मंदिर - प्रतापशाह(1919)
गंगोत्री मंदिर - अमर सिंह थापा
बद्रीनाथ मंदिर(जीर्णोद्धार)- शंकराचार्य
केदारनाथ मंदिर(जीर्णोद्धार)- कत्यूरी शासकों द्वारा
यमुनोत्री मंदिर(जीर्णोद्धार)- जयपुर की महारानी गुलेरिया
औंकारेश्वर शिव मंदिर (स्थापना) - शंकराचार्य(ऊखीमठ)
शंकरमठ मंदिर(श्रीनगर) - शंकराचार्य
नैना देवी मंदिर(नैनीताल)- मोतीराम शाह
कैंची धाम मंदिर(भवाली नैनीताल) - नीम करौली बाबा
एक हथिया नौला(चंपावत) - जग्गन्नाथ मिस्त्री


उत्तराखंड स्थित मंदिरों की शैली

बद्रीनाथ मंदिर - मुगल शैली
हनोल मंदिर- नागर शैली
केदारनाथ मंदिर - कत्यूरी शैली
कटारमल सूर्य मंदिर- उत्तराखंड शैली
जागेश्वर मंदिर समूह- केदारनाथ शैली
लाखामंडल (शिव) मंदिर - उत्तराखंड शैली
देवप्रयाग रघुनाथ मंदिर- द्रविड़ शैली
गोपीनाथ मंदिर (गोपेश्वर) - हिमाद्री शैली/नाग शैली/ गूर्जर प्रतिहार शैली
मदमहेश्वर मंदिर(रुद्रप्रयाग) - पंडित शैली
तुंगनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग) - कत्यूरी शैली

उत्तराखंड के खेल पुरस्कार खिलाडी


उत्तराखंड  सरकार ने खेल नीति 2006 के तहत राष्टीय व
राज्यस्तर पर विशेष पदक पाने वालों को सरकारी नौकरी में 4% आरक्षण दिया हुआ है।


राष्ट्रीय खेल पुरस्कार (National Sports Awards)

हरदयाल सिंह (हॉकी) ओलम्पिक स्वर्ण (1956)

पद्मबहादुर मल्ल (मुक्केबाजी) अर्जुन पुरस्कार (1962)
हरिदत्त कापड़ी (वास्केटबॉल) अर्जुन पुरस्कार (1974)
डॉ. हर्षवन्ती बिष्ट (पर्वतारोही) अर्जुन पुरस्कार (1981)
चन्द्रप्रभा एत्वाल (पर्वतारोही)  अर्जुन पुरस्कार (1981)
मदुमिता बिष्ट (बेतमिन्टन)  अर्जुन अवॉर्ड (1982)
बछेन्द्री पाल (पर्वतारोही)  अर्जुन पुरस्कार (1986)
जसपाल राणा (निशानेबाजी)  अर्जुन पुरस्कार (1994)
सुरेन्द्र सिंह वाल्दिया (निशानेबाजी) अर्जुन पुरस्कार (1996)
अभिनव बिंद्रा (निशानेबाजी) अर्जुन पुरस्कार (2000)
सीता गुसाई (हॉकी)  अर्जुन पुरस्कार (2002)
परिमार्जन नेगी (शतरंज)  अर्जुन पुरस्कार (2010)
सुरेंद्र सिंह कंवासी(नौकायान)- अर्जुन पुरस्कार( 2001)
मनोज सरकार( पैरा-बैडमिंटन) अर्जुन पुरस्कार (2018)

गीता मनराल (एथलेटिक्स)  -एशियन में रजत (2000)

हंसा मनराल (भारोत्तोलन) - द्रोणाचार्य (2001)
जयदेव बिष्ट (बॉक्सर)-  द्रोणाचार्य (2009)
रेणु कोहली (एथलेटिक्स) - द्रोणाचार्य (2002)

फैयाज. ए. अन्सारी (पैर लिफ्टिंग) - स्ट्रांगमैन आफैं इण्डिया (2002)

अभिनव बिन्द्रा (निशानेबाजी) - राजीव गाँधी खेल रत्न (2002)
अभिनव बिन्द्रा (निशानेबाजी) - ओलम्पिक स्वर्ण (2008)

महेंद्र सिंह धोनी- राजीव गाँधी खेल रत्न(2007)

चन्द्रप्रभा एतवाल ( पर्वतारोही)- तेनजिंग नोर्गे, एडवेंचर अवार्ड (2010)

ताशी व मुंग्शी मलिक(देहरादून) -तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड (2015)



उत्तराखंड राज्य खेल पुरस्कार (Uttarakhand State Sports Awards)

देवभूमि उत्तराखण्ड खेलरत्न पुरस्कार

जसपाल राणा (निशानेबाजी) -देवभूमि उत्तराखण्ड खेलरत्न पुरस्कार (2013)
स्व. त्रिलोक सिंह बसेड़ा (अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल)- देवभूमि उत्तराखण्ड खेलरत्न पुरस्कार (2014)
स्व. राम बहादुर क्षेत्री (अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल)-  देवभूमि उत्तराखण्ड खेलरत्न पुरस्कार (2015)
गुरूमीत सिंह (एथलीट) - देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार (2016)
एकता बिष्ट (क्रिकेट)-  देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार (2017)

देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार 

हरिसिंह थापा (मुक्केबाजी) - देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार (2013)
नारायण सिंह राणा (निशानेवाजी कोच)  -देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार (2014)
रेणू कोहली (एथलेटिक्स प्रशिक्षक) - देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार (2015)
सुरेन्द्र सिंह भण्डारी (सर्विसेज कोच) - देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार (2016)
लियाकत अली (क्रिकेट कोच)  -देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार (2017)



देवभूमि उत्तराखण्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार

उत्तराखंड लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
हरदयाल सिंह- हॉकी-वर्ष 2012
पद्म बहादुरमल्ल (मुक्केबाजी) - देवभूमि उत्तराखण्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2013)
हरिदत्त कापड़ी (बास्केटबाल) - देवभूमि उत्तराखण्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2014)
हंसा मनराल (भारोत्तोलक) - देवभूमि लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2015)
राजेन्द्र सिंह रावत (ओलम्पियन) - देवभूमि उत्तराखण्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2016)


उत्तराखंड के exams में पूछे गए 10 important questions

Q1. उत्तराखंड में खेल रत्न पुरस्कारों की शुरुआत कब की गयी ?
Q2. द्रोणाचार्य पुरस्कार किन्हें दिया जाता है ?
Q3. देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार किसे दिया जाता है ?
Q4. सबसे पहला लाइफटाइम आचीवमेंट पुरस्कार कब दिया गया ?
Q5. किस दिन खेल पुरस्कार दिये जाते हैं ?
Q6. द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित सुरेन्द्र भण्डारी का संबंध किस खेल तथा किस जिले से है ?
Q7. देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित, गुरमीत सिंह का संबंध किस खेल तथा किस जिले से है ?
Q8. लाइफटाइम आचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह रावत का संबंध किस खेल तथा किस जिले से है ?
Q9. लाइफटाइम आचीवमेंट पुरस्कार व खेल रत्न पुरस्कार में कितने का पुरस्कार दिया जाता है ?
Q10. सुरेंद्र सिंह कंवासी अर्जुन पुरस्कार विजेता किस खेल से सम्बंधित है






उत्तर:-
1- वर्ष 2013 से,
2- द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल प्रशिक्षुओं को दिया जाता है ।
3- देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है ।
4- 2012 में सबसे पहला लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया ।
5- 9 नवंबर जो कि उत्तराखंड का स्थापना दिवस है, उस दिन खेल पुरस्कार दिये जाते हैं ।
6- द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित सुरेन्द्र भण्डारी का संबंध से है तथा वह चमोली से संबंध रखते हैं ।
7- देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित, गुरमीत सिंह का संबंध एथलेटिक्स से है तथा वह उधमसिंहनगर से संबंध रखते हैं ।
8- लाइफटाइम आचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह रावत का संबंध हॉकी से है । उनका मूल निवास अल्मोड़ा जिला है और वह नैनीताल में रहते हैं ।
9- 5 लाख का व एक प्रशस्ति पत्र
10- नौकायान

1-उत्तराखण्ड राज्य निर्माण बिल को अपनी स्वीकृति देने वाले भारत के राष्ट्रपति थे ? –
Ans– के. आर. नारायण
2→ गठन के आधार पर उत्तराखण्ड है ?
Ans– भारतीय संघ का 27वां राज्य
3→ उत्तराखण्ड के मुख्य न्यायधीश जो भारत के मुख्य न्यायाधीश भी बने
 Ans– न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर
4→ उत्तराखण्ड में राज्य सभा सदस्यों की संख्या है ?
Ans– 3
5→ उत्तराखण्ड में “गंगा गाय महिला डेयरी” योजना लागू की गयी
 Ans– हरीश रावत द्वारा
6→ उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ? –
Ans– एन. पी. नवानी
7-शंकर गुफा कहाँ है-
देवप्रयाग में,टिहरी (जबकि शंकर मठ श्रीनगर(पौड़ी) में है




1-उत्‍तराखण्‍ड इण्‍डो डच मशरूम प्रोजेक्‍ट कहां स्थित है - ज्‍योलीकोट (नैनीताल)

2-राष्‍ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्‍थान कहां स्थित है
- देहरादून

3-सुई का सूर्य मंदिर कहा है?
उत्तर - लोहाघाट, चंपावत

4-सुभाष चन्‍द्र बोस ने शेरे हिन्‍द की उपाधि से किसे सम्‍मानित किया?
 - ले०कर्नल पितृशरण रतूडी

5-ब्रहमा पुत्र दक्ष की राजधानी कहां स्थित थी ?
 - कनखल (हरिद्वार)

6-प्राचीन मान्‍यताओं के अनुसार रामचन्‍द्र ने वृद्धावस्‍था में कहां तपस्‍या की थी ?
 - देवप्रयाग

7-किस स्‍थान में सीता माता पृथ्‍वी में समाई थी ?
- सीतोंस्‍यूं (पौडी गढवाल)

8-हिमयाण किस पट्टी में स्थित है ?
 -टिहरी गढवाल

9-राजा सुबाहु की राजधानी कहां थी ?
- श्रीनगर

10-एक हथ्या नौला बनाया गया था→
Ans- जगन्नाथ मिस्त्री द्वारा


11-दत्तात्रेय मंदिर स्थित है →
Ans- बागेश्वर में

12-यंत्र गुणवत्‍ता आश्‍वासन नियंत्रणालय( Controllerate
 of Quality Assurance) कहां स्थित है ?
- देहरादून

13-कुमाउं बोली का सर्वश्रेष्‍ठ रचना कौन सी मानी जाती है ?
- नारी जीवन

14-सीता माता की याद में प्रतिवर्ष कौन सा मेला मनाया जाता है ?
- मनसार का मेला(pauri)
यह मेला भगवान राम और सीता के विवाह के रूप में मनाया जाता है।
3 गांवों के ग्रामीण मिलकर इस मेले का आयोजन करते है।
देवल गांव भगवान राम का घर, फलस्वाड़ी सीता का घर और
 कोटसाड़ा को सीता का ननिहाल माना जाता है।

15-मायापुर किस स्‍थान का पौराणिक नाम है ?
- हरिद्वार

16-.  कीर्तिनगर का पुराना नाम क्या था?
उत्तर - बिलोली गांव

17-थाला बुग्याल किस जनपद में है?
उत्तर -   पिथौरागढ़ में

18. पिथौरागढ़ जिले का गठन कब किया गया?
उत्तर - 24 फ़रवरी 1960 ई० में


19+ओम पर्वत किस जनपद में है?
उत्तर -   पिथौरागढ़ में

20-उत्तराखण्ड की सर्वाधिक जल प्रवह वाली नदी कौन सी है – अलकनंदा
1 ज्वाला देवी मंदिर कहां स्थित है?
- उत्तरकाशी में (जबकि ज्वाल्पा देवी मंदिर पौड़ी में है)
2 कुशावर्त घाट हरिद्वार का निर्माण?
-: रानी अहिल्याबाई द्वारा

3-हिमालय दर्शन योजना की शुरुआत की गई ?
- 7 फरवरी 2015
(उत्तराखंड में  हिमालय दर्शन योजना शुरू हो गयी है, जिसमें पर्यटकों को हेलीकाप्टर से प्रदेश में स्थित प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं को दिखाया जाएगा)

4- "नंदा के जागर" पुस्तक के लेखक- बसंती बिष्ट
मां भगवती नंदा के जागरों के गायन के लिये प्रसिद्ध हैं। भारत सरकार ने 26 जनवरी 2017 को उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया है।

5-उत्तराखंड खेलरत्न पुरस्कार का नाम परिवर्तन 2015 में क्या कर दिया  गया है?
 - देवभूमि खेल रत्न

6काशीपुर में स्थित बालसुंदरी मंदिर का जीर्णोद्धार किस मुगल शासक ने कराया था -
Ansh औरेंगजेब ने
(NOTE - मंदिर का जीर्णोद्धार को औरेंगजेब द्वारा पूरे जीवन काल में किये गये 16 नेक कार्यो में शामिल किया जाता है)
इन्हीं में काशीपुर भी शामिल है। यहीं पर स्थित है 52 शक्तिपीठों में से एक चैती परिसर में स्थित शक्तिपीठ माँ बाल सुंदरी मंदिर।
जब भगवान शिव माता सती के जले हुए शरीर को लेकर पुरे लोक का भ्रमण कर रहे थे तभी माता सती के बांह अंग यहाँ पर गिरा और यहाँ पर शक्तिपीठ स्थापित हो गया।

7-गढ़वाली भाषा में अंगारा और रैबार पत्रिका की सुरुवात किसने की थी?
- गोविन्द चातक जी ने शुरू की थी

8  अल्मोड़ा का मध्यकालीन नाम क्या था?
-: राजपुर(राजाओं की घाटी)

9-"हलसन साहिब ऑफ़ गढ़वाल" नामक रचना किसकी है?
-दुर्गाचारण काला जी की है ।

10 लंगाविर नृत्य किस प्रकार किया जाता है ?
-यह गढ़वाल का एक उत्साह वर्धन नृत्य है जिसमे पुरुषों को एक सीधे खम्बे में चढ़ चोटी पर पहुँच कर पेट का सहारा लेकर करतब दिखाते है।
 लंगविर नृत्य उत्तराखंड के टिहरी जिले में काफी प्रसिद्ध नृत्य है।

11 उत्तराखंड में स्थित ' भारतीय प्रबन्ध संस्थान IIM की ' नींव कब रखी गयी थी?
 - 29 अप्रैल 2011 (काशीपुर)
(NOTE- यह सरकार द्वारा 11 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान स्थापित किया गया।। यह प्रबंधन के 13 भारतीय संस्थानों में से एक है। इसकी नींव कपिल सिब्बल द्वारा रखी गई थी )

12-"बारह आना बीसी" भू-व्यवस्था किसने लागू की?
- 1861 रैम्जे द्वारा (राजा भवानी शाह के समय)

 13- कुमाऊं का कौन सा स्थान रंगवाली पिछौड़ा के लिए प्रसिद्ध है?
- अल्मोड़ा

14-फसल कटाई में टिहरी रियासत के अंतर्गत जमीदार के हिस्से को कहा जाता था?
- सावनी सेर

15-गढ़वाल सर्वदलित परिषद का गठन कब किया गया?
- जयानंद भारती द्वारा 1928 में

16. "गेंदुवा मेला" उत्तराखंड में कहाँ आयोजित होता है-?
- उत्तरकाशी

17- जोगिन चोटी कहां स्थित है ?
 -गंगोत्री हिमालय( उत्तरकाशी )

18-उत्तराखंड में कुमाऊँ का खजुराहो किसे कहा जाता है ?
- द्वाराहाट

19-ह्वेनसांग के अनुसार सुधनगर कौन सा स्थान है?
-: कालसी

20- बोरारो घाटी किसे कहते हैं?
 - सोमेश्वर (अल्मोड़ा)

कुमाऊँ और गढ़वाल के नामों की उत्पत्ति का इतिहास

कुमाऊँ और गढ़वाल के नामों की उत्पत्ति का इतिहास

कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति

कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति में यह ये प्रचलित है  कि विष्णु भगवान का कूर्मावतार(कछुए के रूप में) चंपावत में स्थित चम्पावती नदी के पूर्व कूर्म पर्वत(कानदेव) मे तीन वर्षों तक खडे रहकर तपस्या की थी,जिसके बाद इसका नाम कुर्मांचल पड़ा,जो धीरे -धीरे कुमाऊँ के नाम से जाना गया!
लगातार तीन वर्षों तक एक ही स्थान पर खड़े रहने के कारण कूर्म भगवान के चरणों के चिन्ह पत्थर में अंकित हो गये जो अभी तक विद्यमान हैं। तब से इस पर्वत का नाम कूर्माचल हो गया- कूर्म+अचल (कूर्म जहाँ पर अचल हो गये थे)।

कूर्माचल का प्राकृत रूप बिगड़ते-बिगड़ते कुमू बन गया तथा यही शब्द बाद में कुमाऊँ में परिवर्तित हो गया। सर्वप्रथम यह नाम केवल चम्पावत तथा उसके समीपवर्ती गांवों को दिया गया किन्तु जब यहाँ चन्दों के राज्य की स्थापना हुई एवं उसका विस्तार हुआ तो कूर्माचल उस समग्र प्रदेश का नाम हो गया जो इस समय अल्मोड़ा, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में शामिल है। तत्कालीन मुस्लिम लोग चन्दों के राज्य को कुमायूं कहते थे और आइने-अकबरी मे भी कुमाऊँ नाम का उल्लेख हैं!
यही शब्द आजकल कुमाऊँ के रूप में प्रचलित है।



यद्यपि पुराणों में वर्णित कूर्म अवतार के कारण इस अंचल का नाम कुमाऊँ पड़ा या कूर्मांचल कहा गया किन्तु शिलालेखों , ताम्रपत्रों तथा प्राचीन ग्रन्थों से ज्ञात होता है कि कूर्माचल या कुमाऊँ दोनों शब्द बहुत बाद के हैं। सम्राट समुद्रगुप्त के प्रयाग-स्थित प्रशस्ति लेख में इस प्रान्त को (कार्तिकेयपुर) कहा गया है। तालेश्वर में उपलब्ध पाँचवीं तथा छठी शताब्दी के ताम्रपत्रों में ‘कार्तिकेयपुर’ तथा ‘ब्रह्मपुर’ दोनों नामों का उल्लेख हुआ है। प्रसिद्ध पाण्डुकेश्वर वाले ताम्रपत्रों में केवल ‘कार्तिकेयपुर’ शब्द आया है। किन्तु चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इसे ‘ब्रह्मपुर’ शब्द से सम्बोधित किया है।

डॉ. ए. बी. एल. अवस्थी ने अपनी पुस्तक “स्टडीज इन स्कन्द पुराण भाग-1” में लिखा है कि गढ़वाल एवं कुमाऊँ को ही सम्मिलित रूप से ‘ब्रह्मपुर’ पुकारा जाता था।


गढ़वाल शब्द की उत्पत्ति

गढवाल को कभी 52 गढ़ों का देश कहा जाता था। दरअसल में तब गढ़वाल में 52 राजाओं का शासन था। उनके अलग अलग राज्य थे और वे  सभी स्वतंत्र थे । ये गढ़ एक प्रकार के छोटे किले हुआ करते थे।  ह्वेनसांग छठी शताब्दी में भारत में आया था उसने लिखा है कि इन राजाओं के बीच आपस में लड़ाई  चलती रहती थी।  इनके बीच आपसी लड़ाई का पवांर वंश के राजाओं ने लाभ उठाया और चौदहवीं शताब्दी में परमार वंश के प्रतापी राजा अजयपाल ने 52 छोटे-छोटे गढ़ों में विभक्त इस क्षेत्र को जीतकर इन पर अपना अधिकार कर लिया और स्वयं उस राज्य का एकछत्र स्वामी अर्थात ‘गढ़वाला’ बना, और उसका राज्य कहलाया गढ़वाल।

गढ़वाल के 52 गढ़
1. नागपुर गढ़

 स्थान – नागपुर
सम्बंधित जाती –  नाग जाती
2.  कोल्लिगढ़

 स्थान –  बछणस्यूं
सम्बंधित जाती –बछवाड़ बिष्ट
3. रावडगढ़

 स्थान – बद्रीनाथ के निकट
सम्बंधित जाती –  रवाडी
4.  फल्याण गढ़

 स्थान – फल्दाकोट
सम्बंधित जाती – फल्याण जाती के ब्राह्मण
5.  बांगर गढ़
 स्थान – बांगर
सम्बंधित जाती – राणा

6.  कुइली गढ़
 स्थान –  कुइली
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

7.  भरपूर गढ़
 स्थान – भरपूर
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

8.  कुजणी गढ़
 स्थान – कुजणी
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

9.  सिल गढ़
 स्थान – सिल गढ़
सम्बंधित जाती – सजवाण जाती

10.  मुंगरा गढ़
 स्थान – रंवाई
सम्बंधित जाती – रावत जाती

11.  रैका गढ़
 स्थान – रैका
सम्बंधित जाती – रमोला जाती

12.  मौल्या गढ़
 स्थान – रमोली
सम्बंधित जाती – रमोला जाती

13.  उप्पू गढ़
 स्थान – उदयपुर
सम्बंधित जाती – चौहान

14.  नाला गढ़
 स्थान –  देहरादून

15.  सांकरी गढ़
 स्थान – रंवाई
सम्बंधित जाती – राणा

16.  रामी गढ़
 स्थान – शिमला
सम्बंधित जाती – राणा

17.  बिराल्टा गढ़
 स्थान – जौनपुर
सम्बंधित जाती – रावत

18.  चांदपुर गढ़
 स्थान –  चांदपुर
सम्बंधित जाती – सूर्यवंशी रजा भानु प्रताप का

19.  चौंडा गढ़
 स्थान – चांदपुर
सम्बंधित जाती – चौन्दाल

20.  तोप गढ़
 स्थान – चांदपुर
सम्बंधित जाती – तोपाल जाती

21.  राणी गढ़
 स्थान – राणी गढ़ पट्टी
सम्बंधित जाती – तोपाल

22.  श्रीगुरु गढ़
 स्थान – सलाण
सम्बंधित जाती – परिहार

23.  बधाण गढ़
 स्थान – बधाण
सम्बंधित जाती – बधाणी जाती

24.  लोहबाग गढ़
 स्थान – लोहबा
सम्बंधित जाती – नेगी

25.  दशोली गढ़
 स्थान – दशोली

26.  कुंडारा गढ़
 स्थान – नागपुर
सम्बंधित जाती – कुंडारी

27.  धौना गढ़
सम्बंधित जाती – धौन्याल

28.  रतन गढ़
 स्थान – कुजणी
सम्बंधित जाती –धमादा जाती

29.  एरासू गढ़
 स्थान – श्रीनगर के पास

30.  इडिया गढ़
 स्थान – रंवाई बडकोट
सम्बंधित जाती –इडिया जाती

31.  लंगूर गढ़
 स्थान – लंगूर पट्टी

32.  बाग गढ़
 स्थान – गंगा सलाणा
सम्बंधित जाती – बागूड़ी जाती

33.  गढ़कोट गढ़
 स्थान – मल्ला ढांगू
सम्बंधित जाती –बगडवाल

34.  गड़ताग गढ़
 स्थान – टकनौर
सम्बंधित जाती – भोटिया जाती

35.  बनगढ़ गढ़
 स्थान – बनगढ़

36.  भरदार गढ़
 स्थान – भरदार

37.  चौन्दकोट गढ़
 स्थान – चौन्दकोट
सम्बंधित जाती – चौन्दकोट जाती

38.  नयाल गढ़
 स्थान – कटूलस्यूं
सम्बंधित जाती – नयाल

39.  अजमीर गढ़
 स्थान – अजमेर पट्टी
सम्बंधित जाती – पयाल जाती

40.  कांडा गढ़
सम्बंधित जाती – रावत

41.  सावली गढ़
 स्थान – सावली खाटली

42.  बदलपुर गढ़
 स्थान – बदलपुर

43.  संगेला गढ़
सम्बंधित जाती – संगेला जाती

44.  गुजडू गढ़
 स्थान – गुजडू

45. जौट गढ़
 स्थान – जौनपुर

46.  देवल गढ़
 स्थान – देवलगढ़

47.  लोद गढ़
 स्थान – देवलगढ़

48.  जौंलपुर गढ़
 स्थान – देवलगढ़

49.  चंपा गढ़
 स्थान – देवलगढ़

50.  डोडराक्वांरा गढ़
 स्थान – देवलगढ़

51.  भवना गढ़
 स्थान – देवलगढ़

52.  लोदन गढ़
 स्थान – देवलगढ़
1→ लोसर पर्व कौन सी जनजाति मनाती है ?
Ans-भोटिया जनजाति
 Facts- इस दिन आटे की होली और घरों पर नए झंडे लगाने के साथ जाड भोटिया समुदाय का लोसर पर्व संपन्न हो गया। बौद्ध पंचांग के अनुसार नए साल के आगमन पर यह त्योहार मनाया जाता है। तिबत्तियो का भी ये प्रमुख त्यौहार है
2→ देहरादून में 1954 में विनोबा ग्रामोद्योग संघ की स्‍थापना किसने की थी ?
Ans- शक्ति नारायण शर्मा
3→हिमालय का सबसे बाहरी प्रदेश कौन सा है ?
Ans- शिवालिक
4→पहाड पत्रिका (nainital) के संपादक कौन है ?
Ans- शेखर पाठक
5→बैरांगना मत्‍स्‍य प्रजनन केन्‍द्र किस जनपद में स्थित है ?Ans- चमोली
6→ मौयर्कालीन स्‍वर्ण मुद्रायें  उत्तराखंड में कहां प्राप्‍त हुई है?
Ans-  खटीमा
7→वारुणी यात्रा किस जिले में होती है
Ans- उत्तरकाशी
Facts-  इसे पंचकोशी वारुणी यात्रा भी कहते है इस दिन वरुणा नदी में स्नान के साथ शुरू होने वाली ये यात्रा वरुणावत पर्वत के ऊपर से गुजरती है।
8→ 1929 में चन्‍द्र सिंह गढवाली ने महात्‍मां गांधी से भेट किस स्‍थान में की थी?
Ans- बागेश्‍वर
9→गंगोत्री मंदिर का निर्माण किसने किया था?
Ans- अमर सिंह थापा
10→कण्‍व आश्रम कहां स्थित है ?
Ans-  कोटद्वार (मालिनी नदी पर स्थित)

11→कौन सा शिकारी मिनी कार्बेट के नाम से जाना जाता है?
Ans-  ठाकुर दत्‍त जोशी
इन्होंने 50 से अधिक आदमखोर बाघो को मारा था।
12→ कालीदास का जन्‍म स्‍थान कहां माना जाता है ?
Ans-  कपिठा (रुद्रप्रयाग),कालीमठ
13→ खान अब्‍दुल गफार खां को स्‍वतन्‍त्रता के समय किस स्‍थान में रखा गया?
Ans-  अल्‍मोडा जेल
Fact- खान अब्‍दुल गफार खां- सीमांत गाँधी)
14→ डा० सम्‍पूर्णानन्‍द खुली जेल किस स्‍थान पर स्थित है?
Ans-  सितारगंज
15→ उत्‍तराखण्‍ड के पर्वतीय क्षेत्र में कौन सा वृक्ष ईधन और चारा के रूप में सर्वाधिक उपयोग होता है?
Ans- बांज (कवर्क्स ल्युको टाईकोफोरा)
Facts-*विश्व में 40 प्रजाति, उत्तराखंड में- 5 प्रजाति
*इसकी जड़ें पानी को संरक्षित करती हैं।
16→ जैव कृषि को प्रोत्‍साहित करने के लिए किस राज्‍य ने स्‍वयं को जैव राज्‍य घोषित किया ?
Ans-  उत्‍तराखण्‍ड
17→किस सैन्‍य अधिकारी द्वारा 1827 में मसूरी की खोज की गयी थी ?
Ans-  कैप्‍टन यंग (official site-1827, most of the book 1825)
18→उत्तराखण्ड में भगवान राम का एक मात्र मन्दिर किस स्थान पर है?
Ans- देवप्रयाग
Facts- रघुनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है, यहाँ राम ने तपस्या की थी।
19→उत्‍तराखण्‍ड के पर्वतीय क्षेत्रों में उगाये जाने वाला रोज जिरेनियम पौधों का मूल स्‍थान कौन सा देश है
Ans- दक्षिण अफ्रीका
20→ पिथौरागढ में स्थित नारायण स्‍वामी आश्रम कब स्‍थापित किया गया
Ans- 1936
1-मिलासरा कर टिहरी रियासत से समाप्त करने का श्रेय किसको जाता है ?
 उत्तर – चक्रधर जुयाल (उत्तराखंड का जनरल डायर)
टिहरी राज्य के राजा नरेंद्र शाह के समय एक कानून लागू किया गया था जिसके तहत किसानों की भूमि को भी वन भूमि में शामिल किया जा सकता था। इसी के विरोध में रवाईं की जनता ने आजाद पंचायत की घोषणा कर रियासत के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया। इसी आंदोलन के दौरान 30 मई 1930 को चक्रधर जुयाल ने उन पर गोलियां चलने का आदेश दे दिया, जिससे सेकड़ो लोग शहीद हो गए थे।
ये आंदोलन यमुना नदी के किनारे तिलाड़ी का मैदान में हुआ और रवांई गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में इसके विरोध में एकत्र हुए थे। इसलिये इस आंदोलन को तिलाड़ी आंदोलन या रवाईं आंदोलन भी कहते है।

2-उत्तराखंड का कौन सा व्यक्ति नोजवान भारत सभा का सदस्य था ?
उत्तर -बच्चूलाल

संग्रामी बच्चूलाल भट्ट का जन्म  लैंसीडाउन छेत्र मैं हुआ था!उनके पिता रामचंद्र भट्ट,अमृतसर मैं डाकखाने मैं नौकरी करते थे,बच्चूलाल भी अपने पिता के साथ अमृतसर ही एक दिली निवासी ब्यापारी की दूकान पर नौकरी करते थे!
 1929 में  कांग्रेस अधिवेसन मैं उनका परचय  क्रांतिकारी शम्भुनाथ आजाद से हुआ!
बच्चुलाला के क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित होकर शम्भुनाथ आजाद ने उन्हें "नौजवान भारत सभा"का सदस्य बना लिया,1931 मैं अम्बाला गोलीकांड के सम्बन्ध मैं बच्चूलाल सहित,अनेक लोगों को बंदी बनाया गया!

3- आजाद हिन्द फौज में सुभास चन्द्र बोस के संरक्षण दल में गढ़वाल से कौन  व्यक्ति सम्मिलित था ?
- मेजर देव सिंह दानु( कमांडर)

4-देश की प्रथम मालगाड़ी रूडकी से PIRAN कलियर कब चली ?
उत्तर -1851

देश में पहली बार रेल के सफर की शुरुआत 16 अप्रैल, 1853 से मानी जाती है, जब मुंबई से थाणे के बीच पटरियों पर दौडी थी। लेकिन हकीकत यह है कि भारत में रेल सबसे पहले 22 दिसंबर, 1851 को चली थी। तब रेल (मालगाड़ी) ने रुड़की से पिरान कलियर तक करीब पांच किलोमीटर की दूरी तय की थी।

हरिद्वार से कानपुर के बीच पांच सौ किलोमीटर लंबी गंग नहर बनाने वाले तत्कालीन इंजीनियर कर्नल प्रोबी टी कॉटले ने गंगनहर पर लिखी अपनी रिपोर्ट "रिपोर्ट ऑन द गंगनहर कैनाल वर्क्स" में इसका वर्णन किया है। यह रिपोर्ट आज भी रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की सेंट्रल लाइब्रेरी में मौजूद है।

5- कन्या गुरुकुल देहरादून की स्थापना कब हुई ?
 -1922(आचार्य रामदेव)

6-भारत छोडो आन्दोलन 1942 के समय में कुमाऊँ का कमिश्नर कौन था ?
 - सर ऐक्टन

7-गढ़वाली पत्र को कब मासिक से साप्ताहिक किया गया?
-1915
1905 से देहरादून से ‘गढ़वाली’ मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया। लेकिन बाद में जब इसमें गढ़वाल यूनियन और गढ़वाल भ्रतृ मंडल का विलय कर ‘गढ़वाल सभा’ का गठन किया गया। इसी समय 1915 ‘गढ़वाली’ मासिक पत्रिका को साप्ताहिक किया गया।

8-1907 गोरक्षिणी सभा की स्थापना किसने की ?
-धनीराम (कोटद्वार)

9-सरुली और गढ़सुम्याल किसको कहा गया?
 -गरुड़ ज्ञानचंद

10-डाक्टर आनंदस्वामी के अनुसार गढ़वाली शैली के निर्माता किसको कहा गया है?
 -मुकुन्दीलाल

11-गढ़वाल के रईजिंग मैंन किसको कहा गया है?
-भोला दत्त चंदोला

12-उत्तराखंड मूल के प्रथम व्यक्ति जिन्होंने एवरेस्ट फतह किया ?
-हरीश चन्द्र रावत

 13-उत्तराखंड में प्रथम लोकायुक्त →
- न्यायमूर्ति सैयद हैदर अब्बास रजा

14-गाँधी मंदिर कहा है ?
 -नैनीताल

15-उत्तराखंड में नायक आंदोलन किससे सम्बन्धित है ?
उत्तर : दलित सुधार से

16-दक्षिणी गढ़वाल का गढ़ केशरी किसे कहा जाता है --
-केशव सिंह

17-नायक सुधर समिति का गठन 1919 में कहा किया गया -
-नैनीताल

18-उत्तराखंड से कुली बेगार प्रथा कब समाप्त किया गया ?
-1923

 19-3-स्वराज मंदिर का निर्माण किसने किया?
 उत्तर-विक्टर मोहन जोशी, महात्मा गांधी भी यहाँ आये थे

20-उत्तराखंड में प्रथम उत्तरांचली जिसे व्यास सम्मान प्राप्त हुआ →रमेश चन्द्र शाह (अल्मोड़ा के थे)
1-उत्तराखंड का पहला मानसिक चिकित्सा संस्थान कहाँ स्थित हैं?
-सेलाकुई(देहरादून)

2-एवरेस्ट पर चढने वाले उत्तराखण्ड के पहले व्यक्ति कौन थे – हरीश चन्द्र सिंह रावत 29 मई 1965


3-कलुआ और बिजा थे – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

4-कार्बेट नेशनल पार्क की स्थापना कब हुई थी –
- 1936 ई. में
(Official website के अनुसार)

 5- . उत्तरकाशी का प्राचीन नाम क्या है?
-बडाहट

 6-किस ग्रंथ में उत्तराखंड के लिए ‘देवभूमि’ शब्द आया है?
 – ऋग्वेद

7- किस पर्वतारोही को उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल को पर्यटन मानचित्र पर लाने का श्रेय दिया जाता है?
 – चंद्रप्रभा सन्त्वाल

8- किस पुराण मे केदारखण्ड तथा मानव खण्ड का वर्णन किया गया है?
 – स्कन्ध पुराण

9-  कुमाऊँ का प्रथम कमिश्नर कौन था ?
– ई.गार्डनर 1815


10-कुमाऊ और नेपाल को कोन सी नदी अलग करती है?
 – काली नदी

 11-केदारनाथ उत्तराखण्ड के किस राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित है ?
-NH 107 (पहले इसका नाम NH 109 था)

12-केदारनाथ के लिये पवन हंस कंपनी द्वारा हेलिकोप्टर सर्विस कब से प्रारंभ की गयी?
 – 16 मई 2003
(यह हेलीकॉप्टर अगस्त्यमुनि तथा फाटा नामक स्थान से संचालित होते है।
यह सेवा केवल केदारनाथ के पट खुले रहने तक ही उपलब्ध होती है।)


13-कैलाश-मानसरोवर यात्रा प्रायः किस दर्रे से होकर की जाती है?
– लिपुलेख

14-कोटेश्वर बांध एवं जल विद्युत परियोजना कितने मेगावॉट की है?
– 400 मेगावॉट(भागीरथी नदी)

15-गढ़वाल शैली के प्रसिद्ध चित्रकार मौलाराम किसके पुत्र थे – मंगतराम

 16-कोशिकी देवी का मंदिर कहाँ है – अल्मोड़ा

17-क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा नेशनल पार्क कौन सा है – गंगोत्री नेशनल पार्क

18-क्षेत्रीय नेता जिन्होंने प्रथम बार उत्तराखंड राज्य के निर्माण का विचार दिया – बद्री दत्त पांडे

19 गंगा का उद्गम है ?
– गंगोत्री से (गंगा को राष्ट्रीय नदी 2008 में घोषित किया गया)


20 -हर की पौड़ी स्थित है?
 – हरिद्वार में
इसका भावार्थ है- "हरि यानी नारायण के चरण"। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के बाद अमृत की कुछ बूँदें यहाँ गिर गईं। अमृत की बूँदे हरिद्वार में जहाँ गिरी थीं, वह स्थान "हर की पौड़ी" था। यहाँ पर स्नान करना हरिद्वार आए हर श्रद्धालु की सबसे प्रबल इच्छा होती है, क्योंकि यह माना जाता है कि यहाँ पर स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हर-की-पौड़ी जो ब्रम्हकुंड के नाम से प्रसिद्ध है,
यहाँ राजा भृतहरि ने तपस्या की थी,उन्ही की यद् में विक्रमादित्य ने यहाँ पोड़ियों का निर्माण किया,जिसे भृतहरि की पौड़ी कहा जाता था?

http://uk1996.blogspot.com/ बिस साला बन्दोबस्त लागू की थी। *बेटन* 🙏🏻उत्तराखंड का पहला गांव जो पूरी तरह से वाईफाई युक्त वाला गांव बन ग...