मसूरी
मसूरी देहरादून से 34 किमी. दूर स्थित है। यह गढ़वाल की पहाड़ी पर समुद्र तल से 2003 मी. ऊंचाई पर है। मसूरी देश के सबसे आकर्षक हिल स्टेशनों में से एक है। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थल, जैसेः केदारनाथ, गंगोत्री, बद्रीनाथ, हरिद्वार, यमुनोत्री और ऋषिकेश यहां से ज्यादा दूर नहीं हैं।
मसूरी में घूमने लायक प्रमुख स्थान ये हैं:
गन हिल्स
यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। गन हिल्स से हिमालय की खूबसूरती को बड़ी नजदीक से निहारा जा सकता है। यहां से मुख्यतः बुंदेरपुंछ, पिथौड़ा श्रीकांत और गंगोत्री ग्रुप करीब है। यहां से मसूरी शहर और दून घाटी को बर्ड व्यू (जैसा दृश्य चिड़िया को ऊंचाई से दिखता है) की तरह देख सकते हैं।
म्यूनिसिपल ग्राउंड
यह पिकनिक के लिए बेहद खूबसूरत जगह है। यहां एक सुंदर बाग और कृत्रिम झील है। झील में नौका विहार का मजा भी लिया जा सकता है।
चाइल्डर्स लॉज
यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है, जो लाल टिब्बा के नजदीक है। यह पर्यटन कार्यालय से 5 किमी. दूरी पर है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक अनुभव है।
कैमल बैक रोड
कुल तीन किमी. लंबी यह रोड रिंक हॉल के करीब कुलरी बाजार से शुरू होती है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होती है। इस सड़क का सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर घुड़सवारी करना होता है। यहां आकर हिमालय में सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य देखने का मौका नहीं गंवाना चाहिए।
झड़ीपानी फॉल
यह फॉल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किमी. दूरी पर स्थित है। पर्यटक झड़ीपानी तक 7 किमी. की दूरी बस या कार से तय कर सकते हैं। इसके बाद अगले 1.5 किमी. पैदल चलकर फॉल तक पहुंच सकते हैं।
भट्टा फॉल
यह फॉल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किमी. दूरी पर स्थित है। कोई भी मसूरी से बस या कार से चार किलोमीटर दूर स्थित बाटला गांव तक जा सकता है। इसके बाद की 3 किमी. यात्रा पैदल चलकर पूरी करनी पड़ती है।
रानीखेत
राजा सुधारदेव की रानी पद्मावती उत्तराखंड के रानीखेत पर कभी मोहित हो गई थीं। उन्होंने यह जगह देखने के बाद इसे ही अपना आवास बना लिया था। इसीलिए इस जगह को रानीखेत के नाम से जाना गया। इस स्थान से नंदा देवी (7817 मी.) समेत हिमाच्छादित मध्य हिमालय की चोटियां और जंगली जानवरों से भरा घना जंगल स्पष्ट देखा जा सकता है।
रानीखेत के दर्शनीय स्थल
झूला देवी मंदिर
यह देवी दुर्गा को समर्पित यहां का अनूठा मंदिर है। मंदिर की तराशी हुई घंटियां अति सुंदर हैं। इसके नजदीक ही भगवान राम का मंदिर भी है।
चौबटिया
चौबटिया बगीचों के लिए है। यह रानीखेत से 10 किमी. दूरी पर है और मोटर-बाइक से पहुंचा जा सकता है। यहां सरकार द्वारा स्थापित फल संरक्षण केंद्र भी है। आसमान साफ होने पर चौबटिया से हिमालय की 30 किमी. विस्तार तक बर्फ से ढंकी चोटियां देखी जा सकती हैं। नंदा देवी, नंदा घुंटी, त्रिशूल और नीलकंठ की चोटियों के यहां से विहंगम दृश्य देखते जा सकते हैं। भालूडैम यहां से तीन किमी. दूरी पर है और इससे सटा एक सुंदर कृत्रिम झील है।
उपट और कालिका
उपट यहां से अल्मोड़ा रोड पर स्थित है। यहां नौ होल का सुंदर गोल्फकोर्स है। कालिका में मां काली का मंदिर है। कालिका इस मंदिर और हरी-भरी नर्सरी के लिए मशहूर है।
कुमाऊं
कुमाऊं उत्तराखंड का बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो बर्फीली पहाड़ियों, घाटियों, ग्लेशियरों, झीलों, हरे-भरे मैदानों और जंगलों से घिरा है। यह राज्य के दो भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है। कुमाऊं में राज्य के छ%
मसूरी देहरादून से 34 किमी. दूर स्थित है। यह गढ़वाल की पहाड़ी पर समुद्र तल से 2003 मी. ऊंचाई पर है। मसूरी देश के सबसे आकर्षक हिल स्टेशनों में से एक है। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थल, जैसेः केदारनाथ, गंगोत्री, बद्रीनाथ, हरिद्वार, यमुनोत्री और ऋषिकेश यहां से ज्यादा दूर नहीं हैं।
मसूरी में घूमने लायक प्रमुख स्थान ये हैं:
गन हिल्स
यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। गन हिल्स से हिमालय की खूबसूरती को बड़ी नजदीक से निहारा जा सकता है। यहां से मुख्यतः बुंदेरपुंछ, पिथौड़ा श्रीकांत और गंगोत्री ग्रुप करीब है। यहां से मसूरी शहर और दून घाटी को बर्ड व्यू (जैसा दृश्य चिड़िया को ऊंचाई से दिखता है) की तरह देख सकते हैं।
म्यूनिसिपल ग्राउंड
यह पिकनिक के लिए बेहद खूबसूरत जगह है। यहां एक सुंदर बाग और कृत्रिम झील है। झील में नौका विहार का मजा भी लिया जा सकता है।
चाइल्डर्स लॉज
यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है, जो लाल टिब्बा के नजदीक है। यह पर्यटन कार्यालय से 5 किमी. दूरी पर है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक अनुभव है।
कैमल बैक रोड
कुल तीन किमी. लंबी यह रोड रिंक हॉल के करीब कुलरी बाजार से शुरू होती है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होती है। इस सड़क का सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर घुड़सवारी करना होता है। यहां आकर हिमालय में सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य देखने का मौका नहीं गंवाना चाहिए।
झड़ीपानी फॉल
यह फॉल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किमी. दूरी पर स्थित है। पर्यटक झड़ीपानी तक 7 किमी. की दूरी बस या कार से तय कर सकते हैं। इसके बाद अगले 1.5 किमी. पैदल चलकर फॉल तक पहुंच सकते हैं।
भट्टा फॉल
यह फॉल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किमी. दूरी पर स्थित है। कोई भी मसूरी से बस या कार से चार किलोमीटर दूर स्थित बाटला गांव तक जा सकता है। इसके बाद की 3 किमी. यात्रा पैदल चलकर पूरी करनी पड़ती है।
रानीखेत
राजा सुधारदेव की रानी पद्मावती उत्तराखंड के रानीखेत पर कभी मोहित हो गई थीं। उन्होंने यह जगह देखने के बाद इसे ही अपना आवास बना लिया था। इसीलिए इस जगह को रानीखेत के नाम से जाना गया। इस स्थान से नंदा देवी (7817 मी.) समेत हिमाच्छादित मध्य हिमालय की चोटियां और जंगली जानवरों से भरा घना जंगल स्पष्ट देखा जा सकता है।
रानीखेत के दर्शनीय स्थल
झूला देवी मंदिर
यह देवी दुर्गा को समर्पित यहां का अनूठा मंदिर है। मंदिर की तराशी हुई घंटियां अति सुंदर हैं। इसके नजदीक ही भगवान राम का मंदिर भी है।
चौबटिया
चौबटिया बगीचों के लिए है। यह रानीखेत से 10 किमी. दूरी पर है और मोटर-बाइक से पहुंचा जा सकता है। यहां सरकार द्वारा स्थापित फल संरक्षण केंद्र भी है। आसमान साफ होने पर चौबटिया से हिमालय की 30 किमी. विस्तार तक बर्फ से ढंकी चोटियां देखी जा सकती हैं। नंदा देवी, नंदा घुंटी, त्रिशूल और नीलकंठ की चोटियों के यहां से विहंगम दृश्य देखते जा सकते हैं। भालूडैम यहां से तीन किमी. दूरी पर है और इससे सटा एक सुंदर कृत्रिम झील है।
उपट और कालिका
उपट यहां से अल्मोड़ा रोड पर स्थित है। यहां नौ होल का सुंदर गोल्फकोर्स है। कालिका में मां काली का मंदिर है। कालिका इस मंदिर और हरी-भरी नर्सरी के लिए मशहूर है।
कुमाऊं
कुमाऊं उत्तराखंड का बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो बर्फीली पहाड़ियों, घाटियों, ग्लेशियरों, झीलों, हरे-भरे मैदानों और जंगलों से घिरा है। यह राज्य के दो भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है। कुमाऊं में राज्य के छ%
SANDEEP RAWAT 9927050303
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